उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधान सभा क्षेत्र से सवर्ण लड़की से प्रेम विवाह करने वाले दलित जगदीश चंद्र की लड़की के परिजनों ने हत्या कर दी।हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यदि पुलिस अधिकारियों व कर्मियों ने इस मामले में भारी लापरवाही नहीं की होती तो आज जगदीश चंद्र जिंदा होते।
सवर्ण लड़की द्वारा पुलिस अधिकारियों को अपने पति जगदीश और खुद की सुरक्षा के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के लिए प्रार्थना पत्र भेजा गया था। मगर अधिकारियों के स्तर से कोई सुरक्षा नहीं दी गयी। और भारी लापरवाही बरती गई।
इस बीच सवर्ण लड़की के परिजनों को मौका मिल गया। फिर नतीजा जगदीश चंद्र की हत्या के रूप में सामने आया। यह घटना घोर निंदनीय और घृणित है।
यह घटना दिखाती है कि जातिवाद का जहर आज भी विशेषकर सवर्ण समुदाय के एक हिस्से के दिमाग में रचा बसा है। जिसका नतीजा इस तरह की ऑनर किलिंग के रूप में सामने आया है।
अब हत्यारे परिजनों की गिरफ्तारी हो चुकी है मगर जिन पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर सुरक्षा का कार्यभार था उन्होंने इस मामले में भारी लापरवाही की है या वे खुद भी इसी सवर्ण मानसिकता के शिकार रहे हैं। इसलिये जरूरी है कि इनके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाय। ये भी हत्या के लिए परोक्ष तौर पर जिम्मेदार है। यदि पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है तब यह अन्य जगह भी लापरवाही ना बरतने का संदेश देगा। इस तरह की ऑनर किलिंग की घटनाओं पर कुछ हद तक रोक लगेगी।
इसी के साथ ही 'हिंदू राष्ट्र' का नारा देने वाले संघी और भाजपाई भी इस तरह की घटनाओं के लिए परोक्ष तौर पर जिम्मेदार हैं। इनका ' हिंदू राष्ट्र' का साफ मतलब ही है दलित और महिलाएं हिंदू राजाओं महाराजाओं के राज में भयानक उत्पीड़ित थी आज फिर से बड़े स्तर पर उत्पीड़ित होंगे। ये उत्पीड़ित होने वाले गरीब मेहनतकश या आम जनसमुदाय के हिस्से ही होंगे।
जब से ये हिंदू राष्ट्र का नारा देने वाले लोग सत्ता पर आए हैं सवर्ण समुदाय से उन लोगों के हौंसले बुलंद हो गए हैं जो सवर्ण हिंदू मानसिकता से ग्रसित हैं। और इसके नतीजे के बतौर आम दलितों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं। इसलिये जरूरी है कि इनका, इनके हिंदू राष्ट्र के विचारों का विरोध किया जाय।